बुधवार, 26 नवंबर 2008

मुंबई फ़िर निशाने पर ....

२६ तारीख रात के दस बज रहे थे , मुझे भूख महसूस हुई , मै अपना कमरा बंद कर के बाहर भोजन करने के लिए निकल गया .करीब एक घंटे के बाद जब मै कमरे में आया और टीवी खोला तो मेरी आंखे फटी रह गई .मुंबई में फ़िर विस्फोट !इस बार रूप दूसरा था इस बार विस्फोट के साथ आतंकवादी फाइरिंग भी कर रहे थे ।
एक बात गौर करने लायक है की विस्फोट दक्षिण मुंबई में हुआ जो की मुंबई का दिल माना जाता है और इसकी गिनती रिहाइशी इलाके में होती है ,जहा भारत के दो बड़े होटल ताज और ओबेरॉय स्थित है .ये ख़बर देखकर मै टीवी से चिपक गया.पल पल की जानकारी लेने लगा ,चैंनल बदलने लगा ,सभी चैंनल घूमने के बाद मै एन डी टीवी पर आ के रूक गया .मुझे एन डी टीवी की भाषा ही समझ में आ रही थी शेष चैंनल तो शोर करते नज़र आए।
मै टीवी से ऐसा चिपका की रात के चार बज गए पता ही नही चला .फ़िर थोड़ा सा लेटकर ख़बर देखने लगा ,कब आँख लगी पता ही नही चला ,सुबह ९ बजे आँख खुली तो देखा की टीवी चल रहा था और एन डी टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज़ आ रहा था की ताज होटलमें अभी भी आतंकवादियों से मुठभेड़ जारी है एंकर कह रहा है की भारत में अब तक की सबसे बड़ी आतंकवादी घटना है इसकी तुलना ९/११ की घटना से हो रही थी ।
मुझे रात में ही पता चल गया था की ए टी एस प्रमुख हेमंत करकरे और दो आला अफसर सहित ९ पुलिस कर्मी शहीद हो गए .ये वही हेमंत है जो साध्वी प्रज्ञा का केस देख रहे थे .इनकी गिनती जाबांज अफसरों में होती थी .सुबह तक १०० से अधिक लोग मारे गए 'और ३०० सा अधिक लोग घायल हुए .और १४ पुलिस कर्मी शहीद हो गये.मुंबई जिसके बारे में कहा जाता है की वह कभी सोती नही है ,लेकिन अब मुंबई ठहर गई है सी एस टी जहा पैर रखने की जगह नही होती थी वहा पूरी तरह से सन्नाटा पसरा था .अब तक मै मै सिर्फ़ एक बार ही मुंबई जा पाया ,वहा की भीड़ भाद और रफ्तार को नजदीक से देखा 'जिसे देश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है जहा में अरबो के वारे न्यारे मिनटों में होते है .वह रफ्तारी मुंबई कैसे ठहर सकती है .
पहली बार देर रात हमले हुए जब लोग अपने अपने घरो को लौट रहे थे .ये तो तय है की इतना बड़ा हमला अचानक नही था ,ये एक पूर्व सुनियोजित आतंकवादी हमला था .एक बार फ़िर हमारी खुफिया एजेंसी नाकाम हो गई .आतंकवादी हर बार कामयाब हो रहे है। आख़िर कब तक ये चलता रहेगा ?अभी अधिक दिन नही हुए जब दिल्ली में सीरियल विस्फोट हुए ,उसके पहले जयपुर,अहमदाबाद बेंगलुरु में विस्फोट हुए .ये हो क्या रहा है पूरा भारत असुरक्षित हो गया है .इतनी खराब स्तिथि तो श्रीलंका ,बांग्लादेश,की नही है जबकि वहा संसाधन हमसे कम है .ये साल भारत के लिए बेहद ही ख़राब रहा .पुरा भारत जलता रहा .चाहे वह आसाम की घटना हो ,विस्फोटो की घटना हो या मुंबई में हुए उत्तर भारतीयों पे हमला हो या कश्मीर में श्राइन बोर्ड का विवाद हर मसले पे हम नाकाम रहे है .इन घटनाओ ने हमारे चंद्रयान मिशन की सफलता को भी फीका कर दिया है .जब हम धरती पे ही सुरक्षित नही है तो चाँद पे घर बनने का ख्वाब बेमानी होगा ।
यह तो हम भारतीयों की खासियत रही है की बड़े से बड़े विपत्तियों से तुंरत उबरकर अपने जीवन को सामान्य कर लेते है .लेकिन अब तो धैर्य भी जवाब भी देने लगा है .नेताओ की वही पुरानी घिसी पीती बातें अब बोझिल सी होने लगी है
बचपन में मुझे कभी कभी सपना आता था की मुझे कोई गोली मार रहा है या मारने के लिए दौड़ा रहा है ,तब मै मार धाड़ वाली फिल्म बहुत देखा करता था ,अब तो मै केवल रोमांस और कॉमेडी फिल्म ही देखता हूँ लेकिन अब मुझे रोज लगता है की कोई अचानक आके मुझे मार देगा .हलाकि मै कोई कोई वी आई पी नही हूँ लेकिन जो लोग मारे जा रहे है वह आम लोग ही है

3 टिप्‍पणियां:

Dr. Nazar Mahmood ने कहा…

अब मुझे रोज लगता है की कोई अचानक आके मुझे मार देगा .हलाकि मै कोई कोई वी आई पी नही हूँ लेकिन जो लोग मारे जा रहे है वह आम लोग ही है
its really a punch line of ur whole write up. liked it
take care

Ajeet Singh ने कहा…

Dost pahle to aapko blog ki duniya mein shamil hone k liye dher saari badhaai. Aapne ye baat bilkul sahi kahi ki Mumbai mein ab tak ke huye sabse bade aatanki hamle ne hamare desh ki sabse bade uplabdhi(chandrayan) ko ekdum se phika kar diya hai.Agar hum yaahan dharti par surakshit nahi hain to chand par basne ki kalpana beimani hogi.
Likhte rahiye..meri dher saari subhkamnayen....!
Ajeet Singh

arthaath ने कहा…

yes sir this is absolutely right that mns chief raj thakre now became a coward.he only do anything for publicity and cash opprtunity.he is nothing but a vicious politician.our any probelm is probelm of india.nobody can ignore this truth.so u r right in ur words.